शुक्रवार, 8 मई 2020

निठल्ला चिंतन


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*निठल्ला चिंतन-*

हर मनुष्य को चाहे वह कितना ही आलसी क्यों न हो,  शारीरिक, मानसिक या बौद्धिक प्रक्रियाओं द्वारा 24x7 कार्यरत रहना पड़ता है। जब हम 'कुछ नहीं' करना चाहते तो वास्तव में क्या करना चाहते हैं? अपने शून्य में उपजे अपने 'कुछ नहीं' में छिपी संभावना को खुद ही पढ़ना होता है। जिस किसीने इस 'कुछ नहीं' को पढ़ और समझ लिया, यकीन मानना, वह जीवन में 'बहुत कुछ' करने की डगर पर निकल गया।

-संजय भारद्वाज
9890122603

writersanjay@gmail.com

# घर में रहें। सुरक्षित रहें।
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