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*चुप्पियाँ- 10*
.......पूर्ण से
पूर्ण चले जाने पर भी
पूर्ण ही शेष रहता है,
चैनलों पर सुनता हूँ
प्रायोजित प्रवचन
चुप हो जाता हूँ..,
सारी चुप्पियाँ
समाप्त होने के बाद भी
बची रहती है चुप्पी,
पूर्णमिदं......
........पूर्णमेवावशिष्यते!
*संजय भारद्वाज*
writersanjay@gmail.com
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(प्रातः 7:49 बजे, 2.9.18)
🙏🏻✍️
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