🌷📚
*चुप्पियाँ-4*
जो मैंने कहा नहीं,
जो मैंने लिखा नहीं,
उसकी समीक्षाएँ
पढ़कर तुष्ट हूँ,
अपनी चुप्पी की
बहुमुखी क्षमता पर
मंत्रमुग्ध हूँ...!
संजय भारद्वाज
writersanjay@gmail.com
writersanjay@gmail.com
(1.9.18 रात्रि 11:37 बजे )
( कविता संग्रह *चुप्पियाँ* से।)
# घर में रहें। स्वस्थ रहें।
🙏🏻✍️
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