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संजय उवाच sanjay uvach
लिखता हूँ सो जीता हूँ।
रविवार, 17 मई 2020
चुप्पियाँ-7
...चुप रहो,
...क्यों?
देर तक
तुम्हारी चुप्पी
सुनना चाहता हूँ!
(प्रातः 6:52 बजे, 2.9.18)
संजय भारद्वाज
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