शनिवार, 2 मई 2020

सत्य


🌱

*सत्य*

परम सत्य,
शाश्वत सत्य,
अंतिम सत्य,
अपना पांडित्य
अपने को छलता रहा,
बिना किसी विशेषण के
सत्य अपनी राह चलता रहा।

संजय भारद्वाज
writersanjay@gmail.com

रात्रि 1.43 बजे, 29.4.2020

# कृपया घर में रहें। सुरक्षित रहें।

✍️🙏🏻

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें