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संजय उवाच sanjay uvach
लिखता हूँ सो जीता हूँ।
बुधवार, 13 मई 2020
कोलाहल
निपट पहली
संख्या हो
या असंख्येय
हो चुका हो,
कोलाहल
संख्यारेखा के
बाएँ हो या दायें हो,
हर बार
हर समय
कोलाहल की
परिणति
चुप्पी ही होती है,
चुप्पी शाश्वत है
शेष सब नश्वर!
( 2.9.18
, प्रातः 6:59 बजे)
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कोलाहल निपट पहली संख्या हो या असंख्येय हो ...
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