सोमवार, 22 जून 2020

सबकुछ


✍️...

*सबकुछ*

कुछ मैं,
कुछ मेरे शब्द,
सबकुछ की परिधि
कितनी छोटी होती है!

*संजय भारद्वाज*
writersanjay@gmail.com
प्रात 6:29 बजे, 7.7.2017

# सजग रहें, स्वस्थ रहें।
🙏🏻

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