बुधवार, 17 जून 2020

सिंफनी


💦
*सिंफनी*

उठना चाहता है
लहर की तरह,
उठ पाता है
बुलबुले की तरह,
समय, प्रयत्न
और भाग्य की सिंफनी
सफलता तय करती हैं,
स्वप्न और सामर्थ्य
के बीच की दूरी
उफ़ कितनी खीझ
उत्पन्न करती है!

*संजय भारद्वाज*
writersanjay@gmail.com
( मंगलवार, 7 जून 2016, प्रातः 6:51)

# सजग रहें, स्वस्थ रहें।
✍️🙏🏻

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