*चुप्पियाँ-13*
चुपचाप उतरता रहा
दुनिया का चुप
मेरे भीतर..,
मेरी कलम चुपचाप
चुप्पी लिखती रही।
संजय भारद्वाज
writersanjay@gmail.com
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(प्रातः 9:26 बजे, 2.9.18)
( कवितासंग्रह *चुप्पियाँ* से।)
सजग रहें, स्वस्थ रहें।
🙏🏻✍️
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