*विश्वास*
रोज रात
सो जाता हूँ
इस विश्वास से कि
सुबह उठ जाऊँगा,
दर्शन कहता है-
साँसें बाकी हैं
तोे उठ पाता हूँ,
मैं सोचता हूँ-
विश्वास बाकी है
सो उठ जाता हूँ..!
सो जाता हूँ
इस विश्वास से कि
सुबह उठ जाऊँगा,
दर्शन कहता है-
साँसें बाकी हैं
तोे उठ पाता हूँ,
मैं सोचता हूँ-
विश्वास बाकी है
सो उठ जाता हूँ..!
संजय भारद्वाज
writersanjay@gmail.com
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(बुधवार 15 जून 2016, रात्रि 12:10 बजे)
# सजग रहें। स्वस्थ रहें।
🙏🏻✍️
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