रविवार, 14 जून 2020


🌻

*शिलालेख*

अतीत हो रही हैं
तुम्हारी कविताएँ
बिना किसी चर्चा के,
मैं आश्वस्ति से
हँस पड़ा..,
शिलालेख,
एक दिन में तो
नहीं बना करते!

संजय भारद्वाज
writersanjay@gmail.com

(11 जून, 2016 संध्या 5:04 बजे)

# सजग रहें, स्वस्थ रहें।

✍️🙏🏻

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