सोमवार, 27 अप्रैल 2020

संजय


📚🍁

*संजय*

सारी टंकार
सारे कोदंड
डिगा नहीं पा रहे,
जीवन के महाभारत का
दर्शन कर रहा हूँ,
घटनाओं का
वर्णन कर रहा हूँ,
योगेश्वर उवाच
श्रवण कर रहा हूँ,
'संजय' होने का
निर्वहन कर रहा हूँ!

संजय भारद्धाज
writersanjay@gmail.com

रात्रि 9:14 बजे, 3अक्टूबर 2015

# घर में रहें, स्वस्थ व सुरक्षित रहें।

✍️🙏🏻

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